Hindi Question Paper 2016
[AHSEC Class 12 Hindi Question Paper 2016]
1.निम्नलिखित काव्यांष को पढ़कर उसके नीचे दिए गए प्रष्नों के उत्तर दीजिए:
रात यों कहने लगा मुझ से गगन का चाँद,
आदमी क्या अनोखा जीव होता है।
उलझनें अपनी बनाकर आप ही फंसता,
और फिर बेचैन हो जगता, न सोता है।
जानता है तू, कि मैं कितना पुराना हूँ,
मैं चुका हूँ देख मनु को जनमते-मरते,
और लाखों बार तुझसे पागलों को भी
चाँदनी में बैठे स्वप्नों पर सही करते।
प्रश्न:
(क) गगन का चाँद कवि से आदमी के सम्बन्ध में क्या कहता है?
(ख) गगन का चाँद कवि के बारे में क्या जानता है?
(ग) ’उलझनें अपनी बनाकर आप ही फंसता’ - अर्थ बताईए।
(घ) कवि क्या देख चुके हैं?
(ङ) अर्थ बताइए - अनोखा, मनु
2. निम्नलिखित गद्यांष को पढ़कर उसके नीचे दिए गए प्रष्नों के उत्तर दीजिए:
राष्ट्रीय एकता के लिए हम धर्म को नहीं, बल्कि इसकी संकीर्ण भावना को बुरा त्याज्य समझते हैं। हमारी परिभाषा में कर्तव्य की भावना ही धर्म है। गांधीजी राष्ट्रीयता में धार्मिक पक्ष को अत्यधिक महत्त्व देते थे। उन्होंने राजनीति के साथ धर्म को मिला दिया था। उन्होंने कहा है - ’मैं अपने राजनीतिक और अन्य सभी कार्य-कलापों को धर्म से ही ग्रहण करता हूँ।
मैं धार्मिक जीवन तब तक व्यतीत नही कर सकता जब तक कि समाज में अपने लिए एक विषेष स्थान नहीं बना लेता हूँ और समाज में अपना एक उच्च स्थान उस स्थिति में बना सकता हूँ जबकि मैं राजनीति में सक्रिय भाग लूं। गांधी जी के समान योगी अरविन्द, महामना मालवीय जी, लाला लाजपत राय, लोकमान्य तिलक और गुरूदेव रवीन्द्र भी इमानदारी सहित कर्त्तव्य परायणता को राष्ट्रोन्नति और राष्ट्रीय एकता के लिए आवष्यक मानते थे।
प्रश्न:
(क) राष्ट्रीय एकता के लिए किसको त्याज्य मानना चाहिए?
(ख) प्रस्तुत पंक्तियों के अनुसार धर्म क्या है?
(ग) गांधीजी धर्म को किसके साथ मिला देता था?
(घ) गांधीजी के अनुसार वे कब तक धार्मिक जीवन व्यतीत नही कर सकते?
(ङ) राष्ट्रीय एकता के लिए इमानदारी और कर्त्तव्य परायणता की आवश्यकता क्यों हैं?
(च) गांधीजी के विचारों को मानने वाले किन्हीं दो महानुभावों के नाम लिखिए।
(छ) गद्यांष का एक उपयुक्त शीर्षक दीजिए।
(ज) संधि विच्छेद कीजिए - राष्ट्रोन्नति, अत्यधिक
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1. AHSEC HINDI QUESTION PAPERS' 2014
2. AHSEC HINDI QUESTION PAPERS' 2015
3. AHSEC HINDI QUESTION PAPERS' 2016
4. AHSEC HINDI QUESTION PAPERS' 2017
5. AHSEC HINDI QUESTION PAPERS' 2018
6. AHSEC HINDI QUESTION PAPERS' 2019
7. AHSEC HINDI QUESTION PAPERS' 2020
3. निम्नलिखित में से किसी एक पर निबन्ध लिखिए:
(क) राष्ट्रीय एकता (भूमिका - महत्व - उपाय - नई पीढ़ी की भूमिका - उपसंहार)
(ख) समाचार पत्र (भूमिका - प्रकार - लाभ-हानि - कर्तवय - उपसंहार)
(ग) विज्ञान - वरदान है या अभिषाप (प्रस्तावना - अनिवार्यता - वरदान के रूप में - अभिषाप - उपसंहार)
(घ) बेरोजगारी (प्रस्तावना - कारण - हानियाँ - समाधान के उपाय - उपसंहार)
4. दहेज प्रथा की बुराई का उल्लेख करते हुए एक समाचार पत्र के सम्पादक को पत्र लिखिए।
अथवा
जन्मदिन की शुभकामना देकर मित्र के नाम पर एक पत्र लिखिए।
5. निम्नलिखित प्रष्नों के उत्तर दीजिए:
(क) इलक्ट्रोनिक माध्यम क्या है?
(ख) रिपोर्टर का मुख्य काम क्या है?
(ग) माध्यम कितने प्रकार के हैं?
(घ) प्रिंट माध्यम की किसी एक विशेषता बताईए।
(ङ) एक हिन्दी अखबार का नाम लिखिए।
6. (क) गणतंत्र दिवस पर एक आलेख प्रस्तुत कीजिए।
अथवा
(ख) डायन जैसे अन्धविश्वास पर एक फीचर लिखिए
7.निम्नलिखित काव्यांष को पढ़कर उसके नीचे दिए गए प्रष्नों के उत्तर दीजिए:
(क) हो जाए न पथ में रात कहीं
मंजिल भी तो है दूर नहीं -
यह सोज थका दिन का पंथी भी जल्दी-जल्दी चलता है।
दिन जल्दी-जल्दी ढलता है,
बच्चे प्रत्याषा में होंगे।
नीड़ों से झाँक रहे होंगे-
यह ध्यान परों में चिड़ियों के भरता कितनी चंचलता है।
दिन जल्दी-जल्दी ढलता है
प्रश्न:
(क)’हो जाए न पथ में रात कही’ - यह शंका किसके मन में और क्यों है?
(ख) दिन का थका हुआ पंथी कौन है?
(ग) बच्चे प्रत्याषा में क्यों है?
(घ) चिड़ियों के पंखों में चंचलता कब और क्यों आती है?
अथवा
(ख) छोटा मेरा खेत चैकोना
कागज का एक पन्ना,
क्षण का बीज वहाँ बोया गया।
कल्पना के रसायनों को पी
बीज गल गया निःषेष;
शब्द के अंकुर फूटे
पल्लव-पुष्पों से नमित हुआ विषेष।
प्रश्न:
(क) चैकोना खेत क्या है और कवि उसे क्यों चैकोना कहा है?
(ख) क्षण का बीज कवि कब और कैसे बोते है?
(ग) कल्पना के रसायनों से कौन-सा लाभ होता है?
(घ) शब्दों के अंकुर फूटने से क्या होता है?
8. निम्नलिखित में से किसी एक काव्यांष को पढ़कर उसके नीचे दिए गए प्रष्नों के उत्तर दीजिए।
(क) मुझसे मिलने को कौन विकल?
मैं होऊ किसके हित चंचल?
यह प्रष्न षिथल करता पद को, भरता डर में विहृलता है।
प्रश्न:
(क) यह प्रष्न पद को क्यों षिथल करता है?
(ख) यहाँ कवि के मन में निराषा क्यों भर गई है?
(ग) इन पंक्तियों के कवि कौन है?
(ख) तुलसी सरनाम गुलामु है राम को, जाकौ रूचै सो कहै कछु, आऊ।
मंगि कै खैबो, नसीत को सोइबो, लैंबोको एकु न दैबको दोऊ।
प्रश्न:
(क) तुलसी ने ’सरनाम गुलामु है राम को’ क्यों कहा है?
(ख) तुलसी के अनुसार रामभक्त कैसे होते है? इन पंक्तियों आधार पर लिखिए।
(ग) इन पंक्तियों की भाषा क्या है?
9.निम्नलिखित में किन्ही दो को पढ़कर उसके नीचे दिए गए प्रष्नों के उत्तर दीजिए:
(क) कविता एक खिलता है फूलों के बहाने
कविता का खिलना भला फूल क्या जाने!
- कविता का अर्थ फूल क्यों नहीं जानता है?
(ख) ममता के बादल की मंडराती कोमलता - क्योंकि भीतर पिरारी हैं ।
बहलाती सहलाती आत्मीयता बरदाष्त नहीं होती है।
- कवि को अत्यधिक आत्मीयता क्यों अच्छी नहीं लगती है?
(ग) राख से लीप हुआ चौका
अभी गीला पड़ा है।
-राख से लीपे हुए चौके की विषेषताएँ बताइए।
(घ) अब तक तो जिन्दगी में जो कुछ था, जो कुछ है
सहर्ष स्वीकारा है।
-आषय स्पष्ट कीजिए ।
10.निम्नलिखित में से किसी एक गद्यांष को पढ़कर उसके नीचे दिए गए प्रष्नों के उत्तर दीजिए।
(क) पैसा पावर है। पर उसके सबूत में आप-पास माल-टाल न जमा हो तो क्या वह खाक पावर है। पैसे को देखने के लिए बैंक-हिसाब देखिए, पर माल-असवाब, मकान-कोठी तो अनदेखे भी दीखते हैं। पैसे की उस ’पर्चेजिंग पावर’ के प्रयोग में ही पावर का रस है।
लेकिन नही। लोग संयमी भी होते हैं। वे फिजूल सामान को फिजूल समझते हैं। वे पैसा बहाते नहीं है और बुद्विमान होते है। बुद्वि और संयमपूर्वक वह पैसे को जोड़ते जाते हैं, जोड़ते जाते हैं। वे पैसे की पावर को इतना निष्चय समझते हैं कि उसके प्रयोग की परीक्षा उन्हें दरकार नहीं है। बस खुद पैसे से जुड़ा होने पर उनका मन गर्व से भरा फूला रहा है।
प्रश्न:
(क)’पर्चेजिंग पावर’ का क्या अर्थ है?
(ख) संयमी लोग क्या करते है?
(ग) लोगों का मन कब गर्व से फूला रहता है?
(घ)’पावर का रस’ का क्या अर्थ है?
अथवा
(ख) चैप्लिन का भारत में महत्व यह है कि वह ’अंग्रेजों जैसे’ व्यक्तियों पर हँसने का अवसर देते हैं। चार्ली स्वयं पर सबसे ज्यादा तब हँसता है जब वह स्वयं को गर्वोन्मत, आत्मविष्वास से लबरेज, सफलता, सभ्यता, संस्कृति तथा समृद्वि की प्रतिमूर्ति, दूसरों से ज्यादा शक्तिशाली तथा श्रेष्ठ, अपने ’वज्रादपि कठोराणि’ अथवा ’मृदुनि कुसुममादपि’ क्षण में दिखलाता है। तब यह इसलिए कि कुछ ऐसा हुआ ही चाहता है कि यह सारी गरिमा सुई चुभे गुब्बारे जैसी फुस्स हो उठेगी।
अपने जीवन के अधिकांश हिस्सों में हम चार्ली के टिली ही होते हैं जिसके रोमाँस हमेशा पंक्चर होते रहते हैं। हमारे महानतम क्षणों में कोई भी हमें चिढ़ाकर या लात मारकर भाग सकता है।
प्रश्न:
(क) हमारे लिए चार्ली का क्या महत्व है?
(ख)’ हम चार्ली के टिली ही होते हैं’ - कैसे?
(ग) चार्ली स्वयं पर सबसे ज्यादा कब हँसता है?
(घ) को हमें लात मारकर कब भाग सकता है?
11.निम्नलिखित में से किसी चार प्रष्नों के उत्तर दीजिए।
(क) चार्ली चैप्लिन की फिल्मों की क्या विषेषताएँ है?
(ख) ’मानवीय संवेदना सबसे बढ़कर हैं’ -’नमक’ कहानी के सन्दर्भ में इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
(ग) ’बाजार दर्शन’ में किस बाजार के जादू’ की बात की गई है?
(घ) इन्दर सेना का परिचय प्रस्तुत कीजिए।
(ङ) शिरीष के साथ आरग्वध और पलाश की तुलना क्यों नहीं की जा सकती?
पूरक पुस्तक (वितान: भाग -2)
12.निम्नलिखित में से किन्ही दो प्रष्नों के उत्तर दीजिए।
(क) यषोधर बाबू हमेशा सरकारी क्वार्टर में रहना क्यों पसन्द करते थे? दो कारण लिखिए।
(ख) मोहनजोदड़ो के लोग किन चीजो का व्यापार करते थे?
(ग) यषोधर बाबू को क्यों लगता है कि बच्चों का होना जरूरी है?
13.निम्नलिखित में से किन्ही दो प्रष्नों के उत्तर दीजिए।
(क) मोहनजोदड़ो सभ्यता के सम्बन्ध में ’लो प्रोफाइल’ शब्द का प्रयोग क्यों किया गया है?
(ख) यषोधर बाबू के अकेलेपन के अहसास के क्या कारण है?
(ग) मुअनजो-दड़ो के बौद्वस्तूप का परिचय दीजिए।
अथवा
सिद्व कीजिए कि मोहनजोदड़ो की सभ्यता प्रजा केन्द्रित सभ्यता थी।
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