क्या मिथुन दा फिल्मो में आने से पहले नक्सलवादी थे? क्या सांवले रंग की वजह से उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में रिजेक्ट किया गया था? कैसे 'डिस्को डांसर' जैसी फिल्म ने उनकी किस्मत को बदल दिया? इस Article में हम आपको मिथुन चक्रवर्ती की पूरी संघर्षपूर्ण यात्रा के बारे में बताएंगे, जो न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह हमें सिखाती है कि मेहनत और आत्मविश्वास से कुछ भी हासिल किया जा सकता है।
प्रारंभिक जीवन: संघर्ष की शुरुआत
मिथुन चक्रवर्ती का जन्म 16 जून 1950 को कोलकाता में हुआ था। उनका परिवार एक सामान्य बंगाली हिंदू परिवार था। बचपन से ही उनकी जिंदगी में संघर्ष से भरा था, लेकिन पढ़ाई में वे अव्वल थे। मिथुन ने ऑरिएंटल सेमिनरी से पढ़ाई की और फिर स्कॉटिश चर्च कॉलेज से B.Sc. की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने फिल्म और टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII), पुणे से अभिनय की शिक्षा ली।
लेकिन अपनी पढाई पूरी करने के बाद वे नक्सलवादी आंदोलन में शामिल हो गए। उनका मानना था कि समाज में बदलाव लाने के लिए इस रास्ते को अपनाना जरूरी है। लेकिन, जब उनके एकमात्र भाई की बिजली के झटके से मृत्यु हो गई, तो यह घटना उनके जीवन का टर्निंग पॉइंट साबित हुई। उन्होंने नक्सलवाद छोड़ दिया और परिवार की ओर लौट आए।
फिल्म इंडस्ट्री में संघर्ष: रंगभेद और रिजेक्शन
इसके बाद उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में काम करने का फैसला किया। लेकिन ये सफर भी उनके लिए बहुत मुश्किल था क्योकि मिथुन का सांवला रंग उनके लिए एक बड़ी बाधा बन गया था। यही कारण था कि उन्हें कई बार रिजेक्ट किया गया और कई बड़ी अभिनेत्रियों ने उनके साथ काम करने से इनकार कर दिया। लेकिन इस संघर्ष के बावजूद मिथुन ने हार नहीं मानी।
पहली फिल्म 'मृगया' और नेशनल अवॉर्ड
मिथुन चक्रवर्ती का फिल्मी करियर 1976 में 'मृगया' से शुरू हुआ। इस फिल्म में उन्होंने जबरदस्त अभिनय किया जिसके लिए उन्हें नेशनल फिल्म फेयर अवार्ड से सम्मानित किया गया। लेकिन ये सफलता तो बस एक शानदार करियर की शुरुआत थी।
'डिस्को डांसर' ने बदल दी मिथुन की तकदीर!
मिथुन दा की 'मृगया' के बाद की फिल्मे उतनी नही चले लेकिन 1982 में उन्हें मिली उनकी जिंदगी की सबसे बेहतरीन फिल्म। फिल्म थी 'डिस्को डांसर' जो 1982 में रिलीज़ हुई। यह फिल्म उनके करियर का टर्निंग पॉइंट साबित हुई। इस फिल्म ने न केवल भारत में बल्कि रूस, चीन और यूरोप में भी जबरदस्त सफलता हासिल की। मिथुन के डांस मूव्स और बप्पी लाहिड़ी का संगीत ने इस फिल्म को ऐतिहासिक बना दिया और ये फिल्म 100 करोड़ कमाने वाली पहली मूवी बन गयी।
लेकिन डिस्को डांसर फिल्म को स्टार्ट करना बहुत मुश्किल था क्योंकि कई बड़ी हीरोइनों ने मिथुन के साथ काम करने से मना कर दिया था। तब डैनी डेन्जोंगपा के मदद से इस फिल्म में किम को कास्ट किया गया।
लेकिन जब फिल्म हिट हुई, तो सभी हीरोइनों की सोच बदल गई। मिथुन ने इस फिल्म के जरिए अपनी पहचान 'डिस्को किंग' के रूप में बनाई और उनका करियर आसमान छूने लगा।
सुपरस्टार मिथुन चक्रवर्ती की यात्रा
मिथुन दा भारत के पहले एक्टर थें जिन्होंने इंटरनेशनल लेवल पर इंडियन फिल्मो को सम्मान दिलाया। उनके द्वारा किए गए डांस मूव्स और उनके अद्भुत अभिनय ने उन्हें भारत के सबसे बड़े सितारों में शुमार कर दिया। आज मिथुन चक्रवर्ती का नाम भारतीय सिनेमा के इतिहास में अमर है। उनकी संघर्ष की कहानी हमें यह सिखाती है कि कभी हार नहीं माननी चाहिए, चाहे रास्ते में कितनी भी कठिनाइयाँ क्यों न आएं।
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