IGNOU – MHD 01 Hindi Kavya – 1 Syllabus
द्वितीय वर्ष के पाठ्यक्रमों का विवरण
अनिवार्य पाठ्यक्रम
एम.एच.डी.-01: हिंदी काव्य-1 (आदि काव्य, भक्ति काव्य एवं रीति काव्य) सिलेबस
खंड-1: आदि काव्य
इकाई 1: पृथ्वीराज रासो की प्रामाणिकता, भाषा और काव्य रूप
इकाई 2: पृथ्वीराज रासो का काव्यत्व
इकाई 3: विद्यापति और उनका युग
इकाई 4: गीतिकाव्य के रूप में विद्यापति पदावली
खंड-2: भक्ति काव्य-1 (निर्गुण काव्य)
इकाई 5: कबीर की विचार चेतना और प्रासंगिकता
इकाई 6: कबीर का काव्य शिल्प
इकाई 7: सूफी मत और जायसी का पद्मावत
इकाई 8: पद्मावत में लोक परंपरा और लोक जीवन
खंड-3: भक्ति काव्य-2 (सगुण काव्य)
इकाई 9: भक्ति आंदोलन के संदर्भ में सूर काव्य का महत्त्व
इकाई 10: सूरदास के काव्य में प्रेम
इकाई 11: मीरा का काव्य और समाज
इकाई 12: मीरा का काव्य सौंदर्य
इकाई 13: तुलसी के काव्य में युग संदर्भ
इकाई 14: एक कवि के रूप में तुलसीदास
खंड-4: रीति काव्य
इकाई 15: बिहारी के काव्य का महत्त्व
इकाई 16: घनानंद के काव्य में स्वच्छंद चेतना
इकाई 17: पदमाकर की कविता
हिंदी कहानी विविधा (कवि–परिचय और काव्य संग्रह)
हिंदी कहानी विवेचना (आलोचनात्मक लेखों का संग्रह)
IGNOU – MHD 01 Hindi Kavya – 1 (हिंदी काव्य-1) Solved Assignment
IGNOU – MHD 01 Hindi Kavya – 1 (हिंदी काव्य-1) Topic Wise Notes
➡ कबीरदास की भक्ति भावना पर प्रकाश डालिए। (Kabir ki Bhakti Bhawna par Prakash Daliye)
➡ कबीर की भाषा (Kabir ki Bhasha)
➡ ” कनवज्ज समय” की विषयवस्तु (Kanwajj Samay ki Vishayvastu)
➡ विद्यापति के काव्य में श्रृंगार (Vidyapati ke Kavya me Shringar)
➡ विद्यापति की रचनाओं में तत्कालीन समाज का वर्णन किस रूप में हुआ है ? (Vidyapati Ki Rachna)
➡ पद्मावत की काव्यगत विशेषताएं बताइए (Padmavat ki Kavyagat Visheshtaye)
➡ घनानंद की प्रेमानुभूती (Dhananand ki Premanubhuti)
➡ सूरदास की कविता की विशेषताऍं (Surdas ki kavita ki visheshtaye)
➡ नागमती चितउर-पथ हेरा । पिउ जो गए पुनि कीन्ह न फेरा (Naagmati Chiutar path hera)
➡ मन ना रँगाए, रँगाए जोगी कपड़ा (Mann na Rangaye, Rangaye Jodi Kapda)
➡ Jaag Pyari ab ka Sove (जाग पियारी अब का सोवै)
➡ दसन चौक बैठे जनु हीरा (Dashan Chauk Baithe Janu Hira)
➡ सोभित कर नवनीत लिए (Shobhit kar navneet liye)
➡ बिहसि लखनु बोले मृदबानी (Bisahi lakhanu bole mridbani)
➡ जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजिए ज्ञान (Jaati na puchho sadhu ki puchh lijiye gyan)
➡ झलकै अति सुंदर आनन गौर (Jhalke ati sundar aanan gaur)
➡ अँखिया हरि दरसन की भूखी (Ankhiya hari darshan ki bhukhi)