काले मेघा पानी दे [Kaale Megha Paani De – धर्मवीर भारती] For 2023 Exam

Hindi Notes Class 12

AHSEC – Assam Board

काले मेघा पानी दे – धर्मवीर भारती

(Kaale Megha Paani De – Dharmveer Bharti)

In this Article you will get काले मेघा पानी दे [Kaale Megha Paani De] for Class 12 Hindi. These काले मेघा पानी दे [Kaale Megha Paani De questions and answers] notes are useful for Class 12. Also will get chapterwise hindi notes here.  

kaale megha paani de

1. मेंढक मंडली से क्या तात्पर्य है?

उत्तर: – जो बच्चे मेंढक की तरह उछलकूद, शोर-शराबा व कीचड़ करते थे, उन्हें मेंढक – मंडली कहा जाता है।

2. मेंढक – मंडली में कैसे लड़के होते थे?

उत्तर: – मेंढक मंडली में दस – बारह वर्ष से सोलह – अठारह वर्ष के लड़के होते हैं। इनका साँवला रंग व वस्त्र के नाम पर ये सिर्फ एक जांघिया है या कभी-कभी सिर्फ लंगोटी पहनते हैं।

3. लेखक दिनों की बात कर रहा है? इसमें कैसा मौसम होता है?

उत्तर: – लेखक जेठ मास के अंतिम तथा आषाढ़ के प्रारंभिक दिनों की बात कर रहा है। इस मौसम में बारिश शुरू हो जाती है। परंतु गर्मी अधिक होती है। बारिश न होने पर पानी के लिए हाहाकार मच जाता है।

4. लोगों की परेशानी का क्या कारण था?

उत्तर: – आषाढ़ के पंद्रह दिन बीत चुके थे तथा बादलों का नामोनिशान नहीं दिखाई देता। कुआं में पानी सूख रहा था नलों में पानी नहीं आता। यदि आता भी था तो वह बेहद गर्म होता था इसी कारण लोग परेशान थे।

5. गाँव वाले बारिश के लिए क्या उपाय करते थे?

उत्तर: – गाँव वाले बारिश के देव इंद्र से प्रार्थना करते थे। वे कहीं पूजा-पाठ करते थे तो कहीं कथा – कीर्तन करते थे। इन सब में विफल होने के बाद इंद्रसेना कीचड़ व पानी में लथपथ होकर वर्षा की गुहार लगाती थी।

6. इंद्रसेना क्या है? वह क्या करती है?

उत्तर: – इंदिरा सेना उन किशोरों की टोली थी जो भगवान इंद्र से वर्षा मांगने के लिए गली-गली घूमकर लोगों से पानी माँगते थे। वे लोगों से मिले पानी में नहाते थे। उछलते – कूदते थे तथा कीचड़ में लथपथ होकर मेघों से पानी मांगते थे।

7. लेखक को कौन सी बात समझ में नहीं?

उत्तर: – लेखक को यह समझ में नहीं आता कि जब पानी की इतनी कमी है तो लोग कठिनाई से इकट्ठे किए पानी को बाल्टी भर-भर कर इंद्रसेना पर क्यों फेंकते हैं। यह पानी की बर्बादी है।

8. देश को किस तरह के अंधविश्वास से क्षति होती है?

उत्तर: – वर्षा न होने पर पानी की कमी हो जाती है। ऐसे समय में ग्रामीण बच्चों की मंडली पर पानी फेंककर गलियों में बर्बाद करने जैसे अंधविश्वासों से देश की क्षति होती है।

9. ‘कौन कहता है इन्हें इंद्र की सेना?’ इस कथन का व्यंग्य स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: – इस कथन से लेखक ने इंद्रसेना और मेंढक – मंडली पर व्यंग्य किया है। ये लोग पानी की बर्बादी करते हैं तथा पाखंड फैलाते हैं।

10. इंद्रसेना के विरोध में लेखक क्या तर्क देता है?

उत्तर: – इंद्रसेना के विरोध में लेखक तर्क देता है कि यदि यह सेना इंदिरा महाराज से पानी दिलवा सकते हैं तो वे अपने लिए घड़ा – भर पानी क्यों नहीं मांग लेते? ये मोहल्ले का पानी क्यों बर्बाद करवा रहे हैं?

11. लेखक बचपन में क्या काम करता था?

उत्तर: – लेखक बचपन में आर्य समाजी संस्कारों से प्रभावित था। वह कुमार – सुधार सभा का उपमंत्री था। वह अंधविश्वासों के खिलाफ प्रचार करता हुआ घूमता था। वह मेंढक – मंडली को नापसंद करता था।

12. जीजी कौन था? उसके लेखक के साथ कैसे संबंध थे?

उत्तर: – जीजी का लेखक के साथ कोई रिश्ता नहीं था। वह उसकी माँ से भी बड़ी उम्र की थी, परंतु वह लेखक को सर्वाधिक प्यार करती थी। उसके प्राण अपने लड़के – बहू के बजाय लेखक में बसते थे।

13. लेखक अंधविश्वासों को मानने के लिए क्यों विवश होता था?

उत्तर: – जीजी तमास रीति – रिवाज तीज – त्यौहारों, पूजा – अनुष्ठानों को मानती थी तथा इन सबके विधि-विधान वह लेखक से पूरा करवाती थी। वह लेखक को बहुत चाहती थी। इस कारण लेखक को इन अंधविश्वासों को मानने के लिए विवश होना पड़ता था।

AHSEC Class 12 Chapterwise Hindi नॉट्स के लिए निचे दिए हुए लिंक पर क्लिक करे:

1. दिन जल्दी – जल्दी ढलता है  हरिवंश राय बच्चन

2. कविता के बहाने – कुंवर नारायण

3. कैमरे में बंद अपाहिज – रघुवीर सहाय

4. सहर्ष स्वीकारा – गजानन माधव मुक्तिबोध

5. उषा – कवि शमशेर बहादुर सिंह

6. कवितावली – तुलसीदास

7. रुबाइयाँ – फ़िराक़ गोरखपुरी

8. छोटा मेरा खेत – उमाशंकर जोशी

9. बाजार दर्शन – जैनेंद्र कुमार

10. काले मेघा पानी दे – धर्मवीर भारती

11. चार्ली चैपलिन यानी हम सब – विष्णु खरे

12. नमक – रजिया सज्जाद जाहिर

13. शिरीष के फूल – आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी

14. लेखक ने किस कार्य से इन्कार किया तथा क्यों?

उत्तर: – लेखक ने मेंढक – मंडली पर बाल्टी भर पानी डालने से साफ इन्कार कर दिया क्योंकि वह इसे पानी की बर्बादी समझता है तथा यह अंधविश्वास है।

15. जीजी ने दान के पक्ष में क्या तर्क दिया?

उत्तर: – जीजी ने दान के पक्ष में तर्क दिया हम इंद्रसेना को पानी नहीं देंगे तो इंद्र भगवान हमें पानी कैसे देंगे। यह पानी की बर्बादी नहीं है। यह बादलों पर अध्य॔ चढ़ना है। जो हम पाना चाहते हैं, उसे पहले दान देना पड़ता है। तभी हमें वह बढ़कर मिलता है। ऋषि – मुनियों ने दान को सबसे ऊंचा स्थान दिया है।

16. जीजी अपनी बात के समर्थन में क्या तर्क देती है?

उत्तर: – जीजी अपनी बात के समर्थन में खेत की बुवाई का तर्क देती है किसान तीस – चालीस मन गेहूं की फसल लेने के लिए पांच – छह सेर अच्छा गेहूं अपने पास से खेत में वेरिया डालता है।

17. जीजी बुवाई के संबंध में क्या बात कहती है?

उत्तर: – जीजी पानी की बुवाई के विषय में कहती है कि सूखे के समय हम अपने घर का पानी इंद्र सभा पर फेंकते हैं तो यह भी बुवाई है। यह पानी गली में बोया जाता है जिसके बदले में गाँव, शहर, कस्बों में बादलों की फसल आ जाती है। 

18. ऋषि मुनि क्या कहा गए है?

उत्तर: – ऋषि मुनि यह कहा गए हैं कि पहले खुद दो तब देवता तुम्हें चौगुना – आठगुणा करके लौटाएँगे। कुछ पाने के लिए पहले कुछ देना पड़ता है।

19. जीजी द्वारा गाँधी जी का नाम लेने का क्या कारण था।

उत्तर: – जीजी के लड़के को राष्ट्रीय आंदोलन में भाग लेने के कारण पुलिस की लाठियां खानी पड़ी थी। उसके बाद से जीजी गांधी महाराज की बात करने लगी थी।

20. ‘यथा राजा तथा प्रजा’ व ‘यथा प्रजा तथा राजा’ में क्या अंतर है?

उत्तर: – ‘यथा राजा तथा प्रजा’ का अर्थ है – राजा के आचरण के अनुसार प्रजा का आचरण होना।

‘यथा प्रजा तथा राजा’ का आशय है –  जिस देश की जनता जैसी होती है, वहां का राजा वैसा ही होता है।

21. जीजी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालिए?

उत्तर: – लेखक ने जीजी के व्यक्तित्व की निम्नलिखित विशेषताएं बताइए है –

स्नेहशील – जीजी लेखक को अपने बच्चों से भी अधिक प्यार करती थी। वह सारे अनुष्ठान कर्मकांड लेखक से करवाती थी ताकि उसे पुण्य मिले।

आस्थावान – जीजी आस्थावान नारी थी। वह परंपराओं, विधियों, अनुष्ठानों में विश्वास रखती थी तथा श्रद्धा से उन्हें पूरा करते थी।

तर्कशील – जीजी अपनी बात के समर्थन में तर्क देती थी, उनके तर्कों के सामने आम व्यक्ति पस्त हो जाता था। इंद्रसेना पर पानी फेंकने के पक्ष में जो तर्क वे देती है, उनका कोई सानी नहीं। लेखक भी उनके समक्ष स्वयं को कमजोर मानता है।

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