हिन्दी भाषा और व्याकरण Solved Question Paper | 2021 | B.Com 3rd Sem

Dibrugarh University Hindi Solved Question Paper

( हिन्दी भाषा और व्याकरण )

3 SEM TDC HND (CBCS) MIL (A/C)

2020 (Held in April-May, 2021)

HINDI (Modern Indian Language)

(For Arts and Commerce)

Full Marks : 80/100 Pass Marks : 32/40

Time : 3 hours

The figures in the margin indicate full marks for the questions

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर पूर्ण वाक्य में दीजिए : 1×8=8

(क) भाषाशब्द संस्कृत की किस धातु से बना है?

उत्तर: भाषा शब्द संस्कृत के भाष् धातु से बना है जिसका अर्थ है बोलना या कहना

(ख) भारतवर्ष की राजभाषा क्या है?

उत्तर: भारतवर्ष की राजभाषा हिंदी है।

(ग) वर्णों के समूह को क्या कहते है?

उत्तर: वर्णों के समूह को वर्णमाला कहते है।

(घ) हिन्दी में स्वर वर्णों की संख्या कितनी है?

उत्तर: हिंदी में ११ स्वर वर्ण होते है।

(ङ) संज्ञा के मुख्यतः कितने भेद हैं?

उत्तर: प्राचीन मान्यता के अनुसार संज्ञा के पाँच भेद है और आधुनिक मान्यता के अनुसार संज्ञा के ३ भेद है।

(च) जो संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताए, उसे क्या कहते हैं?

उत्तर: संज्ञा और सर्वनाम की विशेषता बताने वाले को विशेषण कहते है।

(छ) रचना की दृष्टि से क्रिया के कितने भेद हैं?

उत्तर: रचना की दृष्टि से क्रिया के दो भेद है – सकर्मक क्रिया और अकर्मक क्रिया।

(ज) ऐसे शब्द जो संस्कृत और प्राकृत से विकृत होकर हिन्दी में आए हों, वे क्या कहलाते हैं?

उत्तर: ऐसे शब्द जो संस्कृत और प्राकृत से विकृत होकर हिन्दी में आए हों, वे तद्भव कहलाते है।

हिन्दी भाषा और व्याकरण Question Paper | 2021 | B.Com 3rd Sem

हिन्दी भाषा और व्याकरण Solved Question Paper | 2021 | B.Com 3rd Sem

2. निम्नलिखित में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए: 2×4=8

(क) राष्ट्रभाषा किसे कहते हैं?

उत्तर: राष्ट्रभाषा वह होती है जो किसी देश के अधिकांश क्षेत्रों और अधिकतर आबादी द्वारा बोली और समझी जाती है। राष्ट्रभाषा देश के सरकार की आधिकारिक कार्य भाषा होती है।

(ख) हिन्दी में स्वर कितने प्रकार के होते हैं? नामोल्लेख कीजिए।

उत्तर: हिंदी में कुल ११ स्वर वर्ण है जो इस प्रकार है –

अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ आदि।

(ग)तत्समशब्द की परिभाषा लिखिए।

उत्तर: जिन शब्दों को संस्कृत से बिना किसी परिवर्तन के ले लिया जाता है, उन्हें तत्सम शब्द कहते हैं। इनमें ध्वनि परिवर्तन नहीं होता है।

(घ) वर्गों के आधार पर संधि के कितने भेद हैं? नामोल्लेख कीजिए।

उत्तर: वर्गों के आधार पर संधि के मुलत: तीन प्रकार की होती है:

१. स्वर संधि

२. व्यंजन संधि

३. विसर्ग संधि

(ङ) वाक्य किसे कहते हैं?

उत्तर: पदों का वैसा समूह, जो पूर्णभाव को स्पष्ट करे, यानी जिसके सुनने से कहनेवाले का अभिप्राय समझ में आ जाए, वह वाक्य कहलाता है।

(च) संयुक्त वाक्य की परिभाषा दीजिए।

उत्तर: ऐसे वाक्य जिसमें दो या दो से अधिक प्रमुख उपवाक्य होते है उन्हें संयुक्त उपवाक्य कहा जाता है।

उदहारण के लिए: मुझे सर्दी थी इसीलिए मैं ज कॉलेज नहीं गया।

3. निम्नलिखित में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए: 4×4=16

(क) हिन्दी भाषा की चार विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।

उत्तर: हिंदी भाषा की विशेषताएं :

१. हिंदी भाषा का ध्वनिक्रम पूर्णतया वैज्ञानिक है।

२. हिंदी भाषा के उच्चारण और प्रयोग दोनों में समानता है।

३. चीनी भाषा के बाद विश्व की सबसे ज्यादा बोले जाने वाली भाषा हिंदी है। इसीलिए भारत में हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिया गया है।

४. हिंदी भाषा में ११ स्वर और ४१ व्यंजन वर्ण है। स्वर वर्ण को हृस्व और दीर्घ वर्ण में बाँटा गया है।

(ख) करणऔर अपादानकारक के अंतर को सोदाहरण स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: करण कारक (से, के द्वारा): कर्ता जिस साधन या माध्यम से कार्य करता है, उस साधन या माध्यम को करण कारक कहते है।

जैसे:

क) पिताजी कार से ऑफिस गए है।

ख) मजदूर ने फावड़े से मिट्टी खोदी।

उपरोक्त उदाहरणों में कार और फावड़ा वे साधन है जिससे क्रिया को संपन्न किया गया है।  यानी करण कारक साधन को इंगित करता है।

अपादान कारक (से): संज्ञा और सर्वनाम के जिस रूप से अलग होने, डरने, तुलना करने आदि भावों का पता चलता है, उसे अपादान कारक कहते है।

जैसे:

क) गंगा नदी हिमालय से निकलती है।

ख) समीर पवन से अधिक बुद्धिमान है।

उपरोक्त उदाहरणों में हिमालय और पवन अपादान कारक है, क्योंकि इनसे अलगाव तथा तुलना के भावों का पता चलता है।

उपरोक्त व्याख्यान से हम समझ सकते है कि करण कारक और अपादान कारक दोनों अलग है। करण कारक में “से” साधन को इंगित करता है और अपादान कारक में “से” अलगाव तथा तुलना के भावों को इंगित करता है।

(ग) उपसर्गऔर प्रत्ययकिसे कहते हैं? उदाहरण सहित लिखिए।

उत्तर: उपसर्ग :—  उप+सर्ग  = उपसर्ग

‘उप’ का अर्थ है— समीप या निकट, और ‘सर्ग’ का अर्थ है— सृष्टि करना ।

अर्थात ‘उपसर्ग’ उस शब्दांश को कहते हैं, जो किसी शब्द के पहले जुड़कर उसके मूल शब्द  के अर्थ में नई विशेषता उत्पन्न कर देते हैं ,या उस शब्द का अर्थ ही बदल देते हैं।

जैसे (Examples of Upsarg in Hindi):

(१) ‘अन’ उपसर्ग को ‘बन’ के पहले  रख देने से एक नया शब्द  ‘अनबन’  बनता है, जिसका विशेष अर्थ ‘मनमुटाव’ है।

(२) कु +पुत्र =कुपुत्र

यहां  ‘कु’  शब्दांश  ‘पुत्र’  शब्द के साथ बैठकर नया शब्द  बना देता है ।

यहां  ‘कु’  शब्दांश है ,शब्द नहीं । शब्द वाक्य में स्वतंत्र रूप से प्रयोग  हो सकता है, शब्दांश नहीं । शब्दांश तो किसी शब्द के साथ जुड़कर ही नए अर्थ की  रचना में सहायक होता है। जो शब्दांश शब्द के पूर्व लगता है  ,उसे  ही ‘उपसर्ग’  कहते हैं।

प्रत्यय की परिभाषा:

‘प्रत्यय’ उस शब्दांश को कहते हैं, जो किसी शब्द के अंत में जुड़कर उस शब्द के भिन्न अर्थ को प्रकट करता है । प्रत्यय शब्द के अंत में आता है ।

अथवा, जो शब्दांश किसी शब्द के अंत में लगकर नए शब्द का निर्माण करते हैं ,उन्हें  ही प्रत्यय कहते हैं ।

उदाहरण के लिए :–

(१)  सजा  + आवट  = सजावट

जैसे ‘आवट’ एक प्रत्यय है ,क्योंकि इसने ‘सजा’ शब्द के अंत में लगकर उसे एक नया अर्थ दे दिया है।

(२) ‘भला’  शब्द में ‘आई’  प्रत्यय लगाकर ‘भलाई’  शब्द बनता है ।

(घ) मिश्र वाक्य किसे कहते हैं? उदाहरण देकर समझाइए।

उत्तर: जिस वाक्य में एक प्रधान वाक्य हो तथा अन्य वाक्य आश्रित या गौण हो, उसे मिश्र वाक्य कहते है।

जैसे:

क) मैं देखता हूँ की तुम घर में पढ़ाई नहीं करते हो।

ख) सूरज उगा इसीलिए अँधेरा भगा।

(ङ) कारक के कितने भेद हैं? किन्हीं चार के नामोल्लेख कीजिए।

उत्तर: संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से उसका संबंध क्रिया से जाना जाए, उसे कारक कहते है। कारक के आठ भेद होते है।  जिसमें से प्रमुख चार इस प्रकार है :

१. कर्ता कारक (ने): शब्द के जिस रूप से कार्य करने वाले का बोध हो, वह कर्ता कारक कहलाता है।  जैसे:

क) नीना ने कमरा साफ़ किया।

ख) छात्र पढाई कर रहे है।

२. कर्म कारक (को): वाक्य में शब्द के जिस रूप पर क्रिया का फल पड़े, उसे कर्म कारक कहते है।  जैसे:

क) लकड़हारा पेड़ को काट रहा है।

ख) पिताजी दफ्तर को गए है।

३. करण कारक (से, के द्वारा): कर्ता जिस साधन या माध्यम से कार्य करता है, उस साधन या माध्यम को करण कारक कहते है।  जैसे:

क) पिताजी कार से ऑफिस गए है।

ख) मजदूर ने फावड़े से मिट्टी खोदी।

४. संप्रदान कारक (के लिए , को): कर्ता जिसके लिए कार्य करता है अथवा जिसे कुछ देता है , उसे व्यक्त करने वाला विभक्ति-चिन्ह संप्रदान कारक कहलाता है। जैसे:

क) सबने गरीबों के लिए भोजन भिजवाया।

ख) सरकार द्वारा गरीबों को कम्बल बांटा गया।

(च) निषेधवाचक वाक्य की परिभाषा उदाहरण सहित दीजिए।

उत्तर: जिन वाक्यों में क्रिया के न होने या न करने का बोध हो, उन्हें निषेधवाचक वाक्य कहते है।

जैसे:

क) मुझे आपसे कुछ नहीं चाहिए।

ख) महेश फूल मत तोड़ो।

4. निम्नलिखित में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए: 12×4=48

(क) भाषा की प्रकृति पर प्रकाश डालते हुए उसकी प्रमुख विशेषताओं को विस्तारपूर्वक लिखिए।

(ख) हिन्दी भाषा के विविध रूपों का उल्लेख करते हुए बोलचाल की भाषा पर प्रकाश डालिए।

(ग) संज्ञा किसे कहते हैं? इसके सभी भेदों को उदाहरण सहित लिखिए।

(घ) अर्थ के अनुसार वाक्य के कितने भेद हैं? सभी भेदों को उदाहरण सहित लिखिए।

(ङ) कर्ता के ‘ने’ चिह्न का प्रयोग कहाँ होता है और कहाँ नहीं होता है? विस्तारपूर्वक इनके नियमों को लिखिए।

(च) व्युत्पत्ति की दृष्टि से शब्दों का वर्गीकरण करते हुए इसके भेदों को सोदाहरण लिखिए।

(In lieu of Internal Assessment)

5. निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर दीजिए: 10×2=20

(क) हिन्दी शब्द रचना में उपसर्गों की भूमिका को विस्तारपूर्वक समझाइए।

(ख) हिन्दी भाषा की उत्पत्ति को विस्तारपूर्वक लिखिए।

(ग) उपवाक्य के स्वरूप को स्पष्ट करते हुए इसके भेदों पर प्रकाश डालिए।

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